काली माता दर्शन साधना विधि सहित ।। kali mata darshan mantra
परिचय
मां काली भगवान शिव की पत्नी व आदि शक्ति है, जब भी पृथ्वी पर असुरों ने तबाही मचाई है।
मनुष्यों पर अत्याचार किया है। अपनी सीमा का उल्लंघन किया है। तब-तब मां काली ने धर्म की
स्थापना हेतु असुरों का नाश किया है। पृथ्वी का कल्याण किया है।
पहली विधि
- इस मन्त्र का नित्य जो साधक 1 माला जप धूप, दीप, नैवेद्य विधि आदि से करता है, उसको माँ जगदम्बा कालिका के
- प्रत्यक्ष दर्शन होते हैं । इस मन्त्र का जप एकाग्रचित हो गुरु जी की आज्ञा से करने पर शीघ्र सिद्धि मिलती है।
दूसरी विधि
- इस मन्त्र का नवरात्रि के 9 दिनो तक 11 माला रोजाना जाप करते है। तो उसको मां काली नौवें दिन
- साक्षात दर्शन देती है। 9 नवरात्रि मां के व्रत रखे, और विधि से पूजन करे।
तीसरी विधि
- इस मंत्र को आप ग्रहण मे भी सिद्ध कर सकते है। ग्रहण वाले दिन नदी मे नाभि तक खड़े हो जाये, दोनो हाथों से
- हथेली मे पानी भरकर पानी को धीरे-धीरे छोड़ते जाए और मंत्र का जाप करते जाए।
- एक माला यानी ( 108 ) जप करे। सिद्ध होने के बाद जब भी मां के दर्शन करने हो मंत्र 21 बार जाप करे,
- आपको दर्शन अवश्य प्राप्त होगे। इसके इलावा आप इसे होली, दीपावली पर रात 11 बजे से लेकर सुबह 4 बजे
- तक जाप करके भी सिद्ध कर सकते है।
kali mata darshan mantra :-
मंत्र : ॐ नमो आदेश गुरु को डण्ड – भुज-डण्ड प्रचण्ड नो खण्ड प्रगट देवी तुहि
झुण्डन के झुण्ड खगर दिखा खप्पर लियां खड़ी कालका तागदड़े मस्तंग
तिलक मागर दे मस्तंग चोला जरी का फागड़ दीफू गले फुल माल, जय-
जय-जयन्त, जय आदि-शक्ति जय कालका खपर-धनी जय मचकुट
छन्दनी देव जय जय महिरा, जय मरदिनी, जय-जय चण्ड-मुण्ड, भण्डासुर
खण्डनी। जय रक्त-बीज बिडाल – बिहण्डनी । जय निशुम्भ को दलनी। जय
शिव राजेश्वरी । अमृत यज्ञ धागी – धृट । दृवड़ – दुवड़नी, बड़ रवि- डर-डरनी,
ॐ – ॐ – ॐ ।।

सामग्री:-
- लकड़ी की चौकी व लाल कपड़ा।
- धूप-दीप व अगरबत्ती।
- लौंग, इलायची, सुपारी व पान।
- फल, पुष्प व मिष्ठान ( मिठाई )।
- किसी वी देवी का प्रतिमा व चित्र ।
- रोल, मौली व इत्र।
- साधक के बैठने के लिए आसन।
- एक साफ सुथरा कमरा।
- माता के लिए श्रृंगार व लाल चुनरी।
- जल से भरा कलश व नारियल।
ध्यान व समर्पण
- साधना करने से पहले अपने गुरु की पूजा व मंत्र जाप करे,
- अगर गुरु नही है। तो गुरु गोरखनाथ व शिव भगवान को गुरु मानकर साधना करे।
- उसके पश्चात अपने पितर देव व कुल देवी देवता का ध्यान व प्रार्थना करे,
- फिर अपनी साधना की इष्ट देवी यानी मां काली का ध्यान कर उन्हें समर्पण करे।
आवाहन व प्रार्थना
साधना शुरु करने से पूर्व मां काली का आवाहन करें, उन्हें स्थान ग्रहण करने का आग्रह करे।
और उनसे अपनी साधना मे सफलता करने की प्रार्थना करे।
समापन
साधना समाप्ति के समय मां काली को हलवा पूरी का भोग लगावें। कन्याओं को भोजन करा दान पूण्य करे।
साधना आरम्भ करते समय जो जल का कलश रखा था, उसका घर मे छिड़काव करे।
नारियल कन्या देवी के हाथों से लेकर उसे छिलकर फोड ले, कन्या को प्रासाद देकर अपने परिवार मे
वितरण कर दें। श्रृंगार का सामान की सुहागन इस्त्री या ब्राह्मण इस्त्री को दक्षिणा व प्रसाद सहित दान कर दें।
बाकी सामग्री को नदी मे प्रवाह कर दें।
क्षमा याचना:-
पूजा सम्पूर्ण होने के बाद मां काली से “क्षमा याचना” करे, की साधना के समय कोई भी त्रुटि हुई हो उसके लिए क्षमा करें।
विशेष नोट:-
साधना करने से पहले मंत्र के प्रति श्रध्दा रखे, ये साधना बिना गुरु की आज्ञा के न करे।
अगर आप फिर भी यह साधना करना चाहते है, तो अपनी जिम्मेदारी से करे।
साधना करने से पूर्व संकल्प व गुरु मंत्र का जाप करे, गुरु के चित्र को मां काली के चरणों
मे स्थापित करें, अगर आपका गुरु है, उनके सामने साधना करें।
अम्बे तू है जगदम्बे काली
- अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब, उतारे तेरी आरती ॥ - तेरे जगत के भक्त जनन पर,
भीड़ पड़ी है भारी माँ,
दानव दल पर टूट पड़ो,
माँ करके सिंह सवारी, - सौ सौ सिहों से तू बलशाली,
अष्ट भुजाओं वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती,
ओ मैया हम सब, उतारे तेरी आरती । - अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब, उतारे तेरी आरती ॥ - माँ बेटे का है इस जग में,
बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने है पर ना,
माता सुनी कुमाता, - सब पे करूणा दर्शाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती,
ओ मैया हम सब, उतारे तेरी आरती । - अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब, उतारे तेरी आरती ॥ - नहीं मांगते धन और दौलत,
ना चांदी ना सोना माँ,
हम तो मांगें माँ तेरे मन में,
एक छोटा सा कोना, - सबकी बिगड़ी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती,
ओ मैया हम सब, उतारे तेरी आरती । - अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब, उतारे तेरी आरती ॥
।। जय मां काली ।।
मां बगलामुखी रक्षा कवच हिंदी अर्थ सहित || नवरात्रि पूजन विधि