शुक्र ग्रह शांति का सिद्ध शाबर मंत्र, हवन-पूजन व जाप की सही विधि | Shukra grah sidh shabar manta.

नमस्कार दोस्तों आप सब का स्वागत है। हमारी website mantramol मे। दोस्तों आज की पोस्ट मे हम आपको ” Shukra grah sidh shabar manta ” के बारे बताने जा रहे है। कि शुक्र ग्रह को शाबर मंत्र से कैसे शांत कर सकते हैं। जो आज हम मंत्र बताने जा रहे है। वैसे तो यह हवन करने का मंत्र है। लेकिन अगर हम इसका जाप भी करे तो भी शुक्र ग्रह को शांत किया जा सकता है। आज हम आपको सब बताने वाले है। शुक्र ग्रह का चरित्र स्वाभ वर्ण उनका हमारे जीवन पर क्या असर पड़ता है। शुक्र ग्रह की दशा से हमे कौनसे रोगो का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए हमारी पोस्ट को अंतिम तक पढ़े।
शुक्र ग्रह का चरित्र
शुक्राचार्य ग्रह भगवान शिव के बहुत बड़े अनन्य भगत थे। और इनकी सबसे बड़ी पहचान इन्हे दैत्य गुरु नाम से बुलाया जाता है। वैसे ये भृगु ऋषि व माता ख्याति के पुत्र थे इनका नाम पहले माता पिता ने कवि रखा था। बाद मे जाकर इनका नाम शुक्राचार्य पड़ा था। इन्हें बहुत ज्यादा सिद्धियाँ प्राप्त थी। इन्हें मृत संजीवनी विद्या भी प्राप्त थी। जिनसे ये जब चाहे मृत व्यक्ति को जीवित कर सकते थे। इनकी महानता को देखते हुए। ब्रह्म विष्णु व भगवान शिव ने इन्हें नवग्रह मे स्थान दिया। ये भी बहुत बड़े ग्रह माने जाते है।
शुक्र ग्रह का स्वाभ, जाति व वर्ण
- शुक्र ग्रह यह स्त्री जाति, श्याम-गौर वर्ण, दक्षिण-पूर्व दिशा का स्वामी है। इसके प्रभाव से जातक के शरीर का रंग गेहूआँ होता है।
- यह काव्य-संगीत, वस्त्राभूषण, चतुरता एवं साँसारिक सुख सम्बन्धि विचार किया जाता है। यदि जातक का जन्म दिन में हुा हो तो शुक्र के द्वारा माता के सम्बन्ध में भी विचार किया जाता है। शुक्र छठे स्थान में बेठा हो तो निष्फल होता है और यदी सातवें स्थान में हो तो अनिष्टकार होता है।
- ज्योतिषशास्त्र ने शुक्र को शुभ माना हैं। इसके द्वारा सांसारिक तथा व्यावहारिक सुखों का विशेष विचार किया जाता है।
शुक्र ग्रह नीच का होने से बुरे प्रभाव व रोग
- अंतड़ियों के रोग।
- गुर्दे मे दर्द
- अंगूठे में दर्द का रहना या बिना रोग के ही खराब हो जाना।
- शरीर में त्वचा संबंधी रोग होने लगते हैं
- हाथ-पांव में तकलीफ रहती है।
- शुक्र के प्रभाव से वीर्य की कमी भी हो जाती है।
- लिंग से संबंधित गुप्त रोग हो सकते है।
- नेत्रो से संबंधित रोग भी होते है।
शुक्र ग्रह के मंदा होने के कारण
- पति-पत्नी मे अनावश्यक कलह होने से शुक्र का प्रभाव बुरा हो सकता है।
- शारीरिक रूप से गंदे बने रहना, गंदे व फटे कपड़े पहनने से भी शुक्र मंदा हो सकता है।
- घर की साफ-सफाई न रखने से भी शुक्र मंदा हो जाता है।
- कुंडली में शुक्र के साथ राहु के होने से स्त्री तथा दौलत दोनो को नष्ट कर देता है।
- घर मे हमेशा कलह क्लेश रहने से भी शुक्र मंदा हो जाता है।
- पर स्त्री के साथ संबंध बनाने से शुक्र मंदा हो जाता है। और जातक को बरबाद कर देता है।
- शनि की बुरी दृष्टि से भी शुक्र अपना अच्छा प्रभाव छोड़कर बर्बाद कर देता है।
- देवियों का अपमान करने से भी शुक्र मंदा हो जाता है।
शुक्र को शुभ कैसे बनाए
- घर मे कलह क्लेश छोड़कर परिवार के सदस्यों के साथ प्रेम से रहें।
- सफेद वस्त्र दान करें।
- गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन करवाये।
- घर को साफ-सुथरा रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें।
- लक्ष्मी माता की मूर्ति स्थापित करे। और रोज उनका पूजन करे।
- शुक्र वार को व्रत रखे व दान दे।
ध्यान रखने योग्य बाते
आज मै आपको शुक्र ग्रह को शाबर मंत्र से कैसे शांत कर सकते हैं। वह बताने जा रहा हूँ। शुक्र ग्रह का आप पर जो भी बुरा प्रभाव है। दूर हो जाएगा। आपके कार्य मे जो भी रूकावट है। वो भी दूर हो जाएगी। आपका मन शांत हो जाएगा। मै आपको जो विधि बताने जा रहा हूँ। आप वैसे ही करे कुछ भी कम या अधिक करने का प्रयास न करे। ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करे। मास मदिरा से दूर रहे। प्याज लहसुन का सेवन न करे। किसी की चुगली निंदा न करे। माता पिता का आदर करे। और उनका आशीर्वाद प्राप्त करे।
हवन सामग्री
गौघृत तथा गूलर की लकड़ी। हवन सामग्री, नवग्रह समिधा, पानी वाला नारियल, पानी का कलश, रौली मौली, गणेश भगवान बनाए सुपारी से, देसी घी का दिपक, धूप दिशा पूर्व, मुद्रा-हंसी, संख्या 108 जाप
Surya dev powerful shabar mantra
हवन का शाबर मंत्र, Shukra grah sidh shabar manta
ॐ गुरुजी, शुक्रदेव सोधे सकल शरीर । कहा बरसे अमृत कहा बरसे नीर ।। नवनाड़ी बहात्तर कोटा पचन चढ़ै । एता गुण शुक्रदेव करै । शुक्र जाति का सय्यद । शुक्ल वर्ण गोत्र भार्गव ।। भोजकर देश स्थापना थाप लो । पूजो हजरत पीर मुहम्मद ।। सत फुरै सत वाचा फुरै श्रीनाथजी के सिंहासन ऊपर पान फूल की पूजा चढ़ै । हमारे आसन पर ऋद्धि-सिद्धि धरै, भण्डार भरे । 7 वार, 27 नक्षत्र, 9 ग्रह, 12 राशि, 15 तिथि । सोम-रवि मंगल शनि । बुध-गुरु-राहु-केतु सुख करै, दुःख हरै । खाली वाचा कभी ना पड़ै ।। ॐ शुक्र मन्त्र गायत्री जाप । रक्षा करे श्री शम्भुजती गुरु गोरखनाथ । नमो नमः स्वाहा
विधि
हवन करने से पहले गणेश भगवान का पूजन करे। फिर गुरु पूजन करे। अगर आपका गुरु नही है। तो कोई भी परेशानी नही। फिर अपने पित्तर देवता का पूजन करे। उसके बाद कुल देवी देवताओं का पूजन करे। नगर खेड़ा, धरती माता नवग्रह का पूजन करे। ज्यादा जानकारी के लिये नीचे आपको हमारी वीडियो मिल जाएगी।
शनि देव को शांत करने का सिद्ध शाबर मंत्र व हवन पूजन की सही विधि
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